हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११०

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हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११० – आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर कई लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप जिसे हाइपरटेंशन (Hypertension) के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर बीमारी है. एक सर्वे के मुताबिक हर आठ में से एक व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है. उम्र से पहले होने वाली मौतों में हाई ब्लड प्रेशर भी एक बहुत बड़ा कारण है. जब शरीर की धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है, तो उस स्थिति को उच्च रक्तचाप कहते हैं. ऐसा होने पर नसों के फटने का अंदेशा रहता है. साथ ही दिल से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियां और किडनी तक में समस्या हो सकती है. इतना ही नहीं, अगर इसे समय रहते गंभीरता से न लिया जाए, तो यह साइलंट किलर की तरह काम कर सकता है.

आपको बता दें कि उम्र के साथ हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता जाता है. 45 की उम्र होते होते इसके घंटी की शुरुआत हो जाती है. लेकिन आज के समय में युवा भी इस रोग के शिकार हो रहे हैं. इसका सबसे मुख्य कारण डिप्रेशन है. युवाओं में फॅमिली का टेंशन, खुद के फ्यूचर की चिंता आदि हाई ब्लड प्रेशर के जिम्मेदार होता है.

समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर कई समस्या पैदा करते हैं. यह कई रोगों को बढ़ावा देता है. इसलिए हाई ब्लड को पहचानना हमारे लिए बहुत जरुरी होता है. आज के इस पोस्ट में आप लोगों को हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११० के बारे में बताने वाले हैं. अगर समय अपने ब्लड प्रेशर के रीडिंग समझ लेंगे तो इसे नियंत्रित करना आसान होगा. तो चलिए जानते हैं…

हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११०

हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११० – बीपी की रीडिंग को समझें

ब्लड प्रेशर की रीडिंग को समझना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि जब रीडिंग खतरे के स्तर तक पहुंचती है तो आपके लिए चीजों को संभालना आसान हो जाता है. अगर ब्लड प्रेशर के रीडिंग को नहीं समझेंगे तो ये मौत का कारण बन जाता है. कई बार लोगों को हाई बीपी के बारे में पता ही नहीं चलता और व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसलिए हाई बीपी को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है.

आपको बता दें कि ब्लड प्रेशर को दो संख्याओं के रूप में लिया जाता है. इसमें पहला सिस्टोलिक (High blood pressure or hypertension ) और दूसरा डायस्टोलिक (low blood pressure) एवं इसे एमएमएचजी (mm Hg) के रूप में मापा जाता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, ब्लड प्रेशर की पांच श्रेणियां होती हैं. ये कुछ इस प्रकार है…

  • कम रक्तचाप

सिस्टोलिक 90 mmHg या उससे कम
डायस्टोलिक 60 mmHg या उससे कम

  • नार्मल रक्तचाप

सिस्टोलिक 90-119 mmHg
डायस्टोलिक 60-79 mmHg

  • प्रीहाइपरटेंशन

सिस्टोलिक 120-139 mmHg
डायस्टोलिक 80-8 9 mmHg

  • हाईपरटेंशन – I

सिस्टोलिक 140-159 mmHg
डायस्टोलिक 90- 99 mmHg

  • हाईपरटेंशन – II

सिस्टोलिक 160 mmHg से अधिक
डायस्टोलिक 100 mmHg से अधिक

ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण

  • बढ़ती आयु
  • पारिवारिक इतिहास
  • तापमान
  • प्रजातीय पृष्ठभूमि
  • मोटापा / अतिरिक्त वजन
  • फिजिकल इनएक्टिविटी
  • स्मोकिंग
  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • उच्च नमक का सेवन
  • हाई फैट डाइट का सेवन
  • मानसिक तनाव
  • मधुमेह
  • सोरायसिस

हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११० – लक्षण

  • सिरदर्द
  • सिर घूमना 
  • सिर भारी होना
  • सीने में तेज दर्द
  • चक्कर आना
  • उल्‍टी महसूस होना
  • बेचैनी
  • घबराहट 
  • थकान
  • धूंधला दिखना
  • कमजोरी महसूस करना
  • नाक से खून निकलना

हाई ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल करने के घरेलु उपाय

  • रोजाना योग और प्राणायाम करें.
  • खाने में कम नमक का प्रयोग करें.
  • लहसुन का सेवन करें.
  • एक बडा चम्मच आंवला का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह -शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है.
  • आधा गिलास मामूली गरम पानी में काली मिर्च पावडर एक चम्मच घोलकर २-२ घंटे के फ़ासले से पीते रहें.
  • बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर २-२ घंटे के अंतर से पीते रहें.
  • तुलसी की १० पती और नीम की ३ पत्ती पानी के साथ खाली पेट ७ दिवस तक लें.
  • सुबह खाली पेट पपीता खाएं.
  • नंगे पैर हरी घास पर १५-२० मिनिट रोजाना चलें.
  • पालक और गाजर का रस मिलाकर सुबह-शाम लें