साइटिका का होम्योपैथिक इलाज

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साइटिका का होम्योपैथिक इलाज – साइटिका तंत्रिका हमारे शरीर का सबसे लंबा तंत्रिका है, जो रीढ़ की हड्डी से शुरू होता है, लोअर बैक से होकर नीचे पैरो तक जाती है.  सायटिका आजकल एक सामान्य समस्या बन गई है और इस रोग की सम्भावना 40 से 50 वर्ष की उम्र में ज्यादा होती है. इसका दर्द बहुत ही परेशान करने वाला होता है और दैनिक जीवन को काफी कष्टदायी बना देता है.

आपको बता दें कि साइटिका का दर्द अचानक शुरू होता है और पीठ से होता हुआ टांग के बाहरी और सामने वाले हिस्‍से तक पहुंच जाता है. इसमें चुभने वाला दर्द होता है और ये दर्द आमतौर पर सिर्फ एक टांग को प्रभावित करता है. भारी चीजें उठाने जैसे कार्यों की वजह से साइटिका ट्रिगर हो सकता है. साईटिका एक ऐसी बीमारी है जिसमें नितम्बों से लेकर घुटनों के पिछले हिस्से तक और कभी-कभी एड़ी तक दर्द की एक लकीर जैसी खींची हुई महसूस होती है. यह दर्द हल्का भी होता है और कई बार असहनीय भी हो सकता है.

साइटिका बीमारी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है एक्सरसाइज यानी कसरत से खुद को दूर रखना और दूसरी वजह अनियमित और गलत खानपान है. नियमित एक्सरसाइज और सही खान-पान पर ध्यान दे तो कई ऐसी बीमारियां हैं जो आस-पास भी नहीं भटकेंगी. आज के इस पोस्ट में आप लोगों को साइटिका के कारण, लक्षण और होम्योपैथिक इलाज और दवा की जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं…

साइटिका होने के कारण

साइटिका बीमारी होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं. इन कारणों में ये प्रमुख हैं…

  • पुराणी गठिया
  • चोट लगना
  • रोज व्यायाम न करना
  • सियाटिक नर्व पर लगातार दबाव पड़ना
  • अस्थि मज्जा के कुछ रोग हो जाना
  • फिजिकल एक्टिविटी से दूर रहना  
  • स्लिप डिस्क हो जाना
  • अधिक देर तक बैठना

साइटिका के लक्षण

  • नितम्बों से लेकर घुटनों के पिछले हिस्से तक और कभी-कभी एड़ी तक दर्द
  • कुछ देर बैठे रहने के बाद फिर उठने एवं चलने-फिरने पर बहुत ही तकलीफ होना एवं सुई चुभने जैसा दर्द होना.
  • पैर में कभी-कभी झंझनाहट भी महसूस होना
  • इस दर्द के कारण रोगी को बेचैनी महसूस होती है.
  •  द्रर्द के कारण रात में उसकी नींद भी खुल जाना

साइटिका का होम्योपैथिक इलाज

एलोपैथी में जहां सायटिका दर्द का उपचार केवल दर्द निवारक दवाइयां एवं ट्रेक्शन है. इसमें साइटिका का इलाज दर्द निवारक दवाओं, फिजियोथेरेपी और जीवनशैली में कुछ सकारात्‍मक बदलाव लाकर किया जाता है. वहीं पर होम्यापैथी में रोगी के व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर दवाईयों का चयन किया जाता है जिससे इस समस्या का स्थाई समाधान हो जाता है.

आपको बता दें कि होम्‍योपैथिक उपचार में बीमारी का इलाज करने के साथ-साथ मरीज की संपूर्ण सेहत में सुधार लाने पर काम किया जाता है. साइटिका अटैक के दौरान दर्द को नियंत्रित करने, बार-बार दर्द होने से रोकने, जोड़ों की गतिशीलता में सुधार लाने और अकड़न को कम करने में होम्‍योपैथिक दवाएं मददगार हैं. तो चलिए अब हम लोग साइटिका की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानते हैं.

साइटिका के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवाएं

होम्योपैथी में साइटिका का अचूक उपचार उपलब्ध है. कई सारे ऐसे होम्योपैथी दवाएं हैं जो साइटिका के इलाज के लिए उपयोग की जाती है. ये दवाएं अलग-अलग रोगियों को उनके लक्षणों के आधार पर दी जाती है. यहाँ साइटिका के लिए होम्योपैथी दवाएं बता रहे हैं…

  • ब्रायोनिया

यह दवा अत्यधिक चिड़चिड़ापन, बार-बार गुस्सा आने की प्रवृत्ति, चीड़फाड़ किए जाने जैसा दर्द हो जो चलने फिरने से बढ़ता हो, पुराने गृध्रसी वात, दोनों पैर में सूई की चुभन तथा साथ ही पैरों के जोड़ सूजे हुए, लाल व गर्म हो, जिसमें टीस मारने जैसा जलन युक्त दर्द हो, इन सभी लक्षणों में इसका इस्तेमाल किया जाता है.

  • कोलोसिन्थ

यदि रोगी के चिड़चिड़े स्वभाव के कारण क्रोध आ जाता हो, गृध्रसी बायी ओर का पेशियों में खिंचाव व चिरने-फाड़ने जैसा दर्द विशेषकर दबाने या गर्मी पहुंचाने से राहत मालूम हो, तो ऐसी स्थिति में उन्हें ये दवा दी जाती है.

  • अर्निका मोंटाना 200

साइटिका के उपचार में होम्योपैथिक दवा अर्निका मोंटाना 200 के काफी लाभ बताए गए हैं. इसे दो बूंद तीन बार जीभ पर लेना है. ये रक्त की आपूर्ति और तंत्रिका आपूर्ति को बढ़ाने का काम करती है. जिससे साइटिका की बीमारी में झनझनाहट और दर्द की समस्या से आराम मिल सकता है.

  • बेलाडोना

साइटिका के इलाज के लिए बेलाडोना बहुत ही फायदेमंद होम्योपैथी दवा है. यह तंत्रिका तंत्र के प्रत्‍येक हिस्‍से पर कार्य करती है. ये कफ जमने, दर्द और सूजन के कारण मांसपेशियों में ऐंठन के लिए उपयोगी है. पीठ में तेज दर्द के साथ दबाव महसूस होने, पीठ के निचले हिस्‍से की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द के साथ कूल्‍हों और जांघों में दर्द, हाथ-पैरों में चुभने वाला दर्द आदि लक्षणों में यह दवा कारगर है.

  • Colocynthis Q

साइटिका में होने वाले दर्द में Colocynthis Q होम्योपैथिक दवा पेन किलर के तरह काम करता है और साइटिक नसों को खोलने में, उसके दबाव को कम करने में काफी असरदार है. इसके लिए सलाह दी जाती है कि, इस दवा के 20 बूंद को आधे कप पानी में दिन में 3 बार लेने से काफी आराम मिलता है.

निष्कर्ष – तो आज के इस पोस्ट में हम लोगों ने साइटिका का होम्योपैथिक इलाज के बारे में जाना. यह सामग्री के सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह कोई चिकित्सा सलाह नहीं है. अपने बीमारी के उचित उपचार के लिए हमेशा योग्य चिकित्सक से सलाह लें.